माना कि कलियुग है,पर यकीन आज भी है…और उम्मीदें आज भी है…इरादे सच्चे हो तो ,देर ही सही, कहीं किसी वक्त लोगों को ये अहसास जरूर होता है… इंतजार पहले भी था और आज भी है…पागल हम पहले भी थे और आज भी हैं…शिद्दत में कोई कमी न रखी रिश्ते निभाने में,और ये बस कीContinue reading “सक्षियत ( personality)”
Tag Archives: My Poetry
Meri kalam ✍🏻
Happy Deepawali 🪔
Diwali festival of lights,They light up the world by burning themselves. your love,Right on the pretext of celebration, but spend time with your loved ones. shower of happiness,Let’s share the love by erasing the wet grievances… lots of sweets,By forgetting the past, they mix sweetness in relationships. This Diwali, let’s take a step further….In theContinue reading “Happy Deepawali 🪔”
Change of thoughts
खामोशी – It’s better to remain silent.
दिल की बातें अक्सर जाहिर किया मैंने,कहीं न जताने की अफसोस ना रहजाए…आज सोचती हूं अब खामोश ही रहलूं,और काश वो मेरी खामोशी समझपाए… अगर हो असर उनपे मेरी खामोशी की,तो ये मेरे हाल बयान करदेंगे..अगर ना हो असर उनके जेहन में,तो मेरे होने ना होने की किस्सा बयान कर जायेंगे.. ✍🏻 Prabhamayee Parida
Faristey
अब भी दुनिया में कुछ लोग ऐसे मिलते हैं,जो तुम्हे अपने हुनर से रूबरू कराते हैं,फरिश्ते बनकर तुम्हारी ज़िंदगी भी सवार दे..और खुद पर यकीन रखने की हिम्मत भी जगा दे.. अकसर ये लोग होते हैं पल भर के मेहमान,मगर ज़िंदेगी भर के लिए यादें छोड़ जाते हैं…शायद कोई मिले ना उस जैसा, जो उसकीContinue reading “Faristey”
Motherhood Happiness
खुद से कर प्यार..
नादान थी पहले जो दूसरों पर इल्जाम लगाती थी,अपनी तकलीफों के लिए औरों को जिम्मेदार ठहराती थी, वक्त यूं गुजरता चला,खुद को ये मन बहलाता चला,किया भी शिद्दत औरों को खुश करने की,फिर भी प्यार में ठोकर मिलता चला, दिल को भुल कर जब दिमाग से किया सवाल,जवाब ये मिला “तुम हो बेमिसाल”,मगर गलती औरोंContinue reading “खुद से कर प्यार..”
खुद पे एहसान ना कर
खुद पे एहसान ना कर,जो दिल करे कर तू बेफिकर.. लोग रोकेंगे,बस तू रुक ना जाना,कभी टोके तो पीछे मुड़ ना जाना…माना की सफर आसान नही होगा,पर तू घबरा ना जाना..कभी ठोकर से गिर भी जाए,तो खुद को तू संभाल ही लेना… सफर में मुसाफिर भी मिलेंगे,कुछ भटका देते हैं तो कुछ सही राह भीContinue reading “खुद पे एहसान ना कर”
Reply to “wo purane din”
चलो फिर से पुराने दिन को जीने की कोशिश करते हैं…अकेले नहीं, चलो हम साथ में कदम बढ़ाते हैं… मंजिल का भले ही पता न हो, मगर किसी भी राह को चुन लेते हैं…पहले औरों के खता से टूट गए थे, आज चलो खुद ही खता करलेते हैं…. आज चलो हम फिर से पुराने दिनContinue reading “Reply to “wo purane din””