चलो फिर से पुराने दिन को जीने की कोशिश करते हैं…अकेले नहीं, चलो हम साथ में कदम बढ़ाते हैं… मंजिल का भले ही पता न हो, मगर किसी भी राह को चुन लेते हैं…पहले औरों के खता से टूट गए थे, आज चलो खुद ही खता करलेते हैं…. आज चलो हम फिर से पुराने दिनContinue reading “Reply to “wo purane din””