प्यार की परिभाषा तो जैसे बदल सी गई है..माफ करना जनाब,अब तो प्यार जैसा कोई शब्द रह ना गया है.. क्यूं की लोग आज कल मुफीद होगए हैं..ख्वाबों की दुनिया से अब वाकिब जो नही हैं… जीने लगे हैं मौजूदा वक्त में,कोई उम्रभर के लिए अब इंतजार ना करता…एहसाह और जज्बातों की कोई जीकर नाContinue reading “Does love exist??”