माना कि कलियुग है,पर यकीन आज भी है…और उम्मीदें आज भी है…इरादे सच्चे हो तो ,देर ही सही, कहीं किसी वक्त लोगों को ये अहसास जरूर होता है… इंतजार पहले भी था और आज भी है…पागल हम पहले भी थे और आज भी हैं…शिद्दत में कोई कमी न रखी रिश्ते निभाने में,और ये बस कीContinue reading “सक्षियत ( personality)”