New year ( New beginning)

I know i am late to post this poem. But still love to… एक नया साल, एक नई सदी की शुरुआत होगेई,कहीं कहानी ख़तम हुई तो कुछ नई कहानी बन गई। बस यादें रेहगए , कुछ खट्टे कुछ मीठे…बिगड़े रिश्ते जुड़े कहीं तो ,कहीं कुछ अपने है रूठे। इस सदी ने भी नजानें रचे कितनेContinue reading “New year ( New beginning)”

ख़ामोशी – #Silence

क्यूं ये हवा बेरुखी सी है…राहें भी कुछ धुंधली सी है..ख़ामोश रहती हूं अक्सर आज कल,फिर भी सोर सेहनई सी गूंजती है। झिझक ती हूं बयान करने से…क्यूं की लोग अक्सर सलाह अपने सहूलियत से देते हैं।गुजरते हैं हम उलझनों से…पर चंद बातों से लोग उपाय भी तय करते हैं। अपने जज्बात जाहिर करने सेContinue reading “ख़ामोशी – #Silence”