Does love exist??

प्यार की परिभाषा तो जैसे बदल सी गई है..माफ करना जनाब,अब तो प्यार जैसा कोई शब्द रह ना गया है.. क्यूं की लोग आज कल मुफीद होगए हैं..ख्वाबों की दुनिया से अब वाकिब जो नही हैं… जीने लगे हैं मौजूदा वक्त में,कोई उम्रभर के लिए अब इंतजार ना करता…एहसाह और जज्बातों की कोई जीकर नाContinue reading “Does love exist??”

तलाश

दरबदर भटकते हैं तेरे तलाश में,ना तू दिखा ना तेरा इल्हाम आया…लफ्ज़ की नशियत मिलती हर दफा,पर तेरी मौजूदगी भी बेवजह आया… ✍🏻 prabhamayee parida

शायरी

मुहावरा है , डूबते को तिनके का सहारा..हर कोई उस सहारे की तलाश में है।क्या कहें जनाब, हमे सहारे की ख्वाइश नही…रूहानियत का असर ऐसा के इस नाचीज़ को तिनका ही बनना है। ✍🏻 Prabhamayee Parida

कश्मकश ज़िंदगी की

आज वक्त के लहरों में खुद को झांका,तकदीर के खोज में कहीं कुछ बदला तो नहीं…गुजरासा वक्त और बदले हालात में,इम्तिहान मेरा तब भी था और आज भी है यहीं… यादों की धागे में खुद को बांधने की आदत जो है,ज़िंदगी के बदलाव में खुद को ढालने की मशक्कत भी है..एक पल में महफिल तोContinue reading “कश्मकश ज़िंदगी की”

एक रिश्ता – डायरी के साथ

खुशियों से है नाराजगी,पलकों को इश्क है अश्कों से..लाख मरतबा किया कोशिशनाता टूट जाए कलम से… नींद की है शिकायत मेरे तहरीर से,पलकों को ना जगाया कर..भावनाओं की भी है यही गुजारिश,दास्तान मेरी जिंदगी का सुन लिया कर.. लब खामोश ही महफूज है,बोलने की जुरमाना अदा जो कर चुके हैं…अब तो अल्फाजों को नज़्म मेंContinue reading “एक रिश्ता – डायरी के साथ”

Poetry for Sushant Singh Rajput

बीत गया बरस तेरे गैर मजूदगी में,मगर तेरे यादों ने हमें भुलाने ना दिया..तू वो चमकता सितारा था लोगों के दिल में,और तेरे सक्षियत ने तुझे अहम किस्सा बना दिया.. इंतकाल तेरा रहस्य से भरा,जो झूठ के कफन से दफन होगया..शायद लड़ा था तू किसी सच को बेनकाब करने में,आज वो सच भी कहीं पीछेContinue reading “Poetry for Sushant Singh Rajput”

ये उन दिनों का प्यार था..

बात होती थी इशारों सेऔर इशारे में दिल इकरार करता था…आंखों ही आंखों में अक्सर दिल अपना हाल बयान करता था…इजहार करना नहीं था इतना आसान,क्यूं की वो लफ्ज़ होठों पर आने से कतराया करता था…ये उन दिनों का प्यार थाये उन दिनों का प्यार थामासूमियत से भरा ये, उन दिनों का प्यार था…. चिट्ठीContinue reading “ये उन दिनों का प्यार था..”

My mother

मेरी मां…एक अकेली तू कितना संभालती है..दुनिया भर का बोझ अपने कंधो में जो डालती है..ना दी मौका कभी हमे तकलीफ उठाने को,हस हस कर खुद ही हमारी तकलीफ झेल जाति है… मेरी मां,मांगा कभी तो तूने माना नही किया..पापा को गुजारिश करके, बात भी मनवाया..जब कभी हुई गलतियां हमसे,सुधारने के लिए तूने छड़ी भीContinue reading “My mother”