किसी तारीख कि जरूरत नहीं
अपने प्यार के इजहार के लिए…
क्यूं की गुनाह नहीं अपने इश्क को जाहिर करना।
किसी मौके कि इंतज़ार नहीं
किसीको तोफो से नवाजने के लिए..
इबादत मिलती है कीसिके होटों पे मुसकुराहट भरना।
बेवशी इतनी है गालिब,
हर किसीको मुकम्मल ना होती..
अपनी जज्बात बयान करने को।
वरना किसी “वेलेंटाइन डे” की जरूरत
ना होती, अशिकी में मर मिटने को।
आजकल प्यार में एहसास तो नहीं
पर दिखावा बेशुमार है….
कभी वो एहसास ही भरलो जनाब
उतरेगा नहीं, क्यूंकि ये इश्क की बुखार है।
Written by prabhamayee Parida