#photography
PC: prabhamayee Parida
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PC: prabhamayee Parida
तू हर कदम मेरे साथ चले
ये ख्वाहिश कभी ना थी।
तू हर लम्हा मेरे करीब रहे,
ऐसी तकाजा कभी ना थी।
गुज़ारिश बस इतनी सी,
दूर से ही सही, तुझे दीदार करने की इजाजत हो।
नोकझोक भी हो और बातें करे बेसुमर,
बस ऐसी किस्मत हो।
कुछ मांगे तू मुझसे ,
उससे कायम करने की है ये सुरूर।
काश तू याद करे मुझे
कहीं भी रहूं में आऊंगी जरूर।
हो सके तो इस मोहब्बत को पागलपन ना समझना ,
कोई आश नहीं तुझसे फिर भी इश्क है, बस इतना है कसूर।
Written by prabhamayee parida
यूँ मोहब्बत होगेई हमें तुमसे,
हुई वो हसीन मुलाकात जिस पल्से,
न इजाजत थी पलको को तुम्हें निहारने की,
फिर भी देखा तुम्हे झुकी निगाहों से।
सोचा न था, खुदा की हमपे रहमत होगी,
इस्क्क़ से फिर यूँ इब्बादत होगी,
नैनो में सजाये सपनो की दुनिया,
इस ज़िंदगी से और शिकायत न होगी।
था खुली आँखों का सपना जो टूट गया,
आँख मिचौली खेलती ये किस्मत फिर रूठ गया,
पता न था वो मंजिल थे किसी और के,
और सफर उस राह से कहीं मूड गया।
Written by Prabhamayee Parida