इम्तहान यूं जिंदेगी लेती रही,
कायनात भी ये इसरा देती रही,
मंजिल अब जादा दूर नहीं,
बस थोड़ा इंतजार और सही।
पाने की ख्वाहिश तो है,
पर इंतजार रहेगा उम्र भर,
शिद्दत से कौशिश करेंगे हम,
बाकी ना रहेगी कोई कसर।
उम्मीद तो है पर निश्चित नहीं में,
ये चाह मुकम्मल होगी या नहीं,
पर ये दिल भी हमसे कहता यही,
बस थोड़ा इंतजार और सही।
Written by prabhamayee parida
Very nice
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