आज अचानक मुझे ये क्या हुए है,
लगता है कुछ बदल रहा है,
ये एहसास जो पहले कभी मेहसूस ना हुआ,
मेरी किस्मत शायद अपनी राह मोड रही है।
अपनी सक्सियत में भूल गई थी,
ये नहीं थी में कभी, जो में बन चुकी थी,
काश होती मेरी दुनिया अरों की तरह
कल तक किस्मत से ये उम्मीद की थी।
पर हूं में औरों से अलग , भावनाओं में बेहकी जरूर थी,
पर कमजोर तो में तब भी नहीं थी।
ना अब कोई सिकवा है किसिसे,
ना है नाराजगी इस ज़ि्दगी से,
फिर से दिमाग के बदले चुना है अपने दिल को,
इस बहाने आज रूबरू हुई हूं मैं खुदसे।
Written by prabhamayee parida
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Sure…
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👌👌…keep writing
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Thank you
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ना अब कोई सिकवा है किसिसे,
ना है नाराजगी इस ज़ि्दगी से,
फिर से दिमाग के बदले चुना है अपने दिल को,
इस बहाने आज रूबरू हुई हूं मैं खुदसे।
वाह।बेहतरीन पंक्तियाँ।👌👌
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Thank you sir
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