वक़्त भी एक उलझती पहेली है,
कभी आंधी है मुस्किलो से भरा
तो कभी उमीद का सवेरा,
कभी टूटे सपनो का आशियाना
तो कभी अरमानों का बसेरा।
वक़्त के साथ यूँ चलते ही जाना है,
गिर भी जाए तो खुद ही संभलना है,
हार तो है बस पल भर का मेहमान
और जीत को हमसफर ही माना है।
डर न जाना तूफान से
लेहरों के संग तुझे बहते जाना है,
इन्तेहा तो लेती रहेगी ये ज़िन्दगी
कामियाबी तुझे हर हाल में पाना है।
Written by prabhamayee parida